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कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि और व्रत रखने की सही विधि | Krishna Janmashtami 2024 - The SRP News
Dharmik / 2024-08-31 08:33:23 / Share this article:
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कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि और व्रत रखने की सही विधि | Krishna Janmashtami 2024 - The SRP News

जन्माष्टमी त्यौहार का परिचय और महत्त्व:

कृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह दिन भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है, और इसे पूरे देश में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस साल, कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी।

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2024 में जन्माष्टमी के लिए शुभ मुहूर्त:

  • अष्टमी तिथि प्रारंभ: 26 अगस्त, 2024 को प्रातः 03:39 बजे
  • अष्टमी तिथि समाप्त: 27 अगस्त, 2024 को प्रातः 02:19 बजे
  • रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 26 अगस्त, 2024 को दोपहर 03:55 बजे
  • रोहिणी नक्षत्र समाप्त: 27 अगस्त, 2024 को दोपहर 03:38 बजे
  • मध्यरात्रि का समय: 26 अगस्त, 2024 को रात्रि 11:48 बजे
  • चंद्रोदय का समय: 26 अगस्त, 2024 को रात्रि 11:07 बजे
  • निशिता पूजा समय: 26 अगस्त, 2024 को रात्रि 11:26 बजे से 27 अगस्त को प्रातः 12:11 बजे तक
  • पारण समय: 27 अगस्त, 2024 को अपराह्न 03:38 बजे
  • रोहिणी नक्षत्र समाप्ति समय: 27 अगस्त, 2024 को 03:38 बजे


जन्माष्टमी व्रत और पूजा की विधि:

व्रत के लिए संकल्प लेना आवश्यक है, जो सूर्योदय से पहले स्नान के पश्चात किया जाता है। इस दिन कुछ लोग फलाहार करते हैं, जबकि अन्य एक समय भोजन का पालन करते हैं। श्रीकृष्ण की झांकी सजाने के लिए उन्हें जल या दूध से स्नान कराएं और सुंदर वस्त्र तथा आभूषण पहनाएं। मध्यरात्रि में खीरा काटकर श्रीकृष्ण के जन्म का प्रतीकात्मक आयोजन करें और पूजा में माखन, मिश्री, धनिए की पंजीरी, मखाने की खीर और मिठाई का भोग लगाएं।


जन्माष्टमी पर विशेष ध्यान रखने योग्य बातें:

  • इस दिन काले वस्त्र पहनकर पूजा नहीं करनी चाहिए। पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
  • श्रीकृष्ण को बासी या मुरझाए फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। 
  • गोवंश का अनादर न करें, अन्यथा पूजा और व्रत का फल प्राप्त नहीं होता है।
  • तुलसी के पत्तों का संग्रह एक दिन पहले कर लें, क्योंकि व्रत के दिन तुलसी तोड़ना वर्जित है।
  • व्रत के दौरान तामसिक आहार जैसे मांस, लहसुन, प्याज और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और मन को शुद्ध रखना चाहिए।


जन्माष्टमी का महत्व:

यह त्योहार भगवान कृष्ण के जन्म की याद में मनाया जाता है, जो अपने ज्ञान और लीलाओं के लिए जाने जाते हैं। उनकी बाल लीलाओं और गीता के उपदेशों का स्मरण इस दिन विशेष रूप से किया जाता है। कृष्ण के प्रति आस्था रखने वाले भक्तों को इस दिन विशेष आशीर्वाद मिलता है।


Disclaimer: उपरोक्त जानकारी केवल परंपराओं और मान्यताओं पर आधारित है। किसी भी धार्मिक या सांस्कृतिक गतिविधि को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित है।

Krishna Janmashtami, a revered Hindu festival, is marked on August 26, 2024, celebrating Lord Krishna's birth. Significant timings include Ashtami

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